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वैसे तो फैशन औऱ लाइफ स्टाइल का बड़ा हिस्सा बाजार की चलन से डिसाइड होता है जिसके लिए टेलीविजन,अखबार,सिनेमा और अब एफएम चैनल भी दूत का काम करते हैं..देखते-देखते हमारे खाने-पीन,पहनने का अंदाज बदल जाता है..मैं खुद भी ग्रेजुएशन तक जिस मट्टीमार बैग्गी ट्राउजर पहनकर डॉ. कामिल बुल्के शोध संस्थान जाया करता था, अब उन्हीं ट्राउजर को देखकर हंसी आती है और लगता है कि जब मेरी उम्र साठ साल( अगर तब तक जी गया तो) हो जाएगी तब भी ये ट्राउजर आ जाएंगे बल्कि एक ही में दोनों पैर,बाकी एक की मजे से झोले सिलवा लूंगा...और बताइए ऐसी ढीली-ढाली ट्राउजर-जींस को ब्ऑयफ्रैंड जींस नाम दिया जा रहा है. खैर,
अब फैशन में मेडिकल साइंस और हेल्थ केयर की साझेदारी भी शुरु होने लगी है. एफएमसीजी प्रोडक्ट में तो ये शुरु से रहा है और एक से एक कीड़े,वैक्टीरिया आदि के कैरेक्टर गढे गए लेकिन अब ये पोशाकों तक अपनी बात ले जाकर कह रहे हैं और होते-होते अब बात स्कीनी जींस तक आ गई.
हालांकि अब हम इस बात से मुक्त हैं कि बिल्कुल टाइट स्कीनी जींस जिसमे कि प्रवक्ता पद के आवेदन हेतु जो हम बैंक-दर-बैंक जाकर ड्राफ्ट बनवाते हैं, वो भी न प्रवेश कर सके, पहनते हैं और हमें कोई नहीं कहता- छी..लड़कियोंवाली जींस पहनकर घूम रहा है..हम दिल्ली की इसी सड़ी गर्मी, ४५ डिग्री तापमान में भी थ्री डिग्री लुक के साथ शहर में घूम रहे हैं..मुझे याद है बीए सेकण्ड इयर में जब मैंने पहली बार स्कीन जींस पहनी थी जो कि रांची जैसे शहर में बिल्कुल कॉमन नहीं था तो लोगों के बीच कानाफूसी शुरु हो गई थी..लड़का चाल-चलन से गड़बड़ा गया है..हमको तो शक है कि विपरीती लिंगी को पसंद भी आएगी भी कि नहीं..
लेकिन हेल्थ केयर की मार देखिए कि हम सालों से जिस स्कीनी जींस को पहनते आए, मौउगा, देह पर खाली दू गो संतरा नय है, बाकी पीछे से एकदम लड़की हो गया है जैसे ताने सुनने के वाबजूद कमर से बांधे और टांगों से चिपकाए रहे, उसी स्कीनी जींस के बारे में कहा जा रहा है कि इससे "asphyxiation"नाम की बीमारी की पूरी संभावना है..गूगल पर जब इसके बारे में विस्तार से पढ़ा तो समझ आया कि ऐसा होना स्वाभाविक ही है क्योंकि जिस जींस से एक बैंक ड्राफ्ट तक न गुजर पाता हो, वहां से हवा गुजरना कितना मुश्किल है और ऐसे में इस बीमारी से आगे चलकर चलने-फिरने तक में दिक्कत हो सकती है..पक्षाघात तक हो सकता है..और भी बहुत कुछ..
लेकिन ऐसा है कि ये स्कीनी जींस मुझे हद से ज्यादा पसंद है...सो पैरलॉसिस अटैक भी हो तो भी इसी जींस को पहनकर घर में लेटे-पड़े रहेंगे..एक दर्जन चीजें तो पहले ही छोड़ चुका हूं और अब ये जान से प्यारी स्कीनी जींस भी..नो वे.
पूरी स्टोरी के लिए चटकाएं- http://www.thequint.com/WaterQooler/skinny-jeans-wont-but-must-die
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1 Response to 'अब जल्द ही लदेंगे स्कीनी जींस के दिन'
  1. tedithu
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