अबकी बार लगता है बालगोपाल की यूनिफार्म 84 कोस के पेंडिग झंड़े और कांवडिया इन्डस्ट्री के बच गए कपड़े से बनी है. पूरी दिल्ली की दूकानें इस बार कृष्ण जनमाष्टमी के मौके पर बालगोपाल की यूनिफार्म से अटी पड़ी है लेकिन खास बात है कि ज्यादातर जगहों पर इसका रंग दकदक पीले से खिसककर थोड़ा और गाढ़ा यानी भगवा हो गया है. विंडो 7 या 8 में जो रंग दिए गए हैं, अगर आप हल्दी पीले या लेमन यलो से कर्सर आगे की ओर बढ़ाएंगे तो रंग भगवा की तरफ बढ़ता चला जाएगा. मुझे याद है कि मंदिरों में ज्यादातर कृष्ण की पोशाक का रंग पीला ही हुआ करता है. कहीं-कहीं राधा रानी से जोड़ी मिलाने के फेर में सफारी सूट जैसा दोनों का एक ही रंग यानी मरुन या रानी कलर( लाल). क्या ये अचानक है कि अब धीरे-धीरे हर तीसरे हिन्दू प्रतीक पोशाक का रंग भगवा के आसपास होने लग गए हैं. हम बचपन में देवताओं के जो पर्यायवाची याद किया करते थे उनमें से एक रंग के आधार पर भी पर्याय हुआ करता था. मसलन-
नीलांबर,श्वेताबंर,पितांबर आदि..अब रंगों की बहुलत बहुत तेजी से खत्म हो रही है. याद कीजिए राम जन्मभूमि के राम की पोशाक का रंग- भगवा. इससे पहले यानी बाबरी मस्जिद ध्वंस की तैयारी के पहले मैंने किसी भी मंदिर में राम की पोशाक का रंग भगवा नहीं देखा. रामानंद सागर के रामायण यानी दूरदर्शन मार्का राम के भी पोशाक उपर और नीचे अलग हुआ करते थे. हां ये जरुर है कि वनवास गमन में राम सहित सीता और लक्ष्मण के पोशाक भगवा हो गए थे. लेकिन उससे पहले या बाद में नहीं.
अब जबकि ऐसे रंग महज उत्सवों के प्रतीक भर नहीं रह गए हैं, उनका राजनीति से गहरा संबंध बनता जा रहा है..क्या ऐसा नहीं है कि हिन्दू उत्सवों के बीच से रंगों की ये तेजी से खत्म होती बहुलता दरअसल सारे त्योहारों को एक खास रंग में रंगकर मनाने की प्रक्रिया का शुरुआती दौर है. संभव है आज इन पोशाकों को पहनकर बच्चे बालगोपाल कम, बाल तोगड़िया, बाल सिंघल और बाल मोदी ज्यादा दिखें और धीरे-धीरे उनके हाथ में माखन की जगह त्रिशूल और चक्र आ जाए जैसे होली में वाशर की पिचकारी हाथों से छिटककर कब उसमें कब स्टेनगन,एके 47 आदि( प्लास्टिक की ही सही) थम गए, पता ही नहीं चला. आप राह चलती लड़कियों,बुजुर्गों पर इन पिचकारियों से धार मारने के दौरान उसके चेहरे की एक्सप्रेशन पर गौर कीजिएगा. लगेगा कि हर सफेद झकझक, या दूसरे रंग की साफ पोशाक पहनी लड़की, बुजुर्ग वैसे ही है जैसे बटालिक सेक्टर पर खड़े हमारे सैनिकों को उसके पार के लोग दिखाई देते हैं.
बुरा मत मानिएगा, लेकिन घोर नास्तिक होते हुए भी बच्चे जब फैन्सी ड्रेस कॉम्पटीशन और कृष्ण जनमाष्टमी के दौरान रब्बड नॉट रबर लगी धोती और कुर्ते पहना करते हैं तो बहुत स्वीट लगा करते हैं लेकिन इस पेंडिंग और बचे रंगों से बने कपड़े में ऐसे लगेंगे जैसे कि नरेन्द्र मोदी के पुराने कुर्तों से काटकर उनकी यूनिफार्म सिल दी गई हो. सच पूछिए तो कृष्ण जन्माष्टमी में इस भगवे रंग का कोई काम ही नहीं है. ये इस त्योहार के लिए गैरजरुरी रंग है. पिछले साल तक तो टीवी पर के बालगोपाल पीले रंग में ही थे, अक्षरा( ये रिश्ता क्या कहलाता है) के बालगोपाल भी. इस साल देखते हैं कल सास,बहू और साजिश और सास बहू और बेटियां के खास एपीसोड में किस रंग में दिखाए जाते हैं ?
https://taanabaana.blogspot.com/2013/08/2013.html?showComment=1377612356612#c432860665923343270'> 27 अगस्त 2013 को 7:35 pm बजे
आप बिलकुल सही कहते हैं। कृष्ण को अब इस जमाने में पीताम्बर के स्थान पर भगवाम्बर ही पहनाया जाएगा।
https://taanabaana.blogspot.com/2013/08/2013.html?showComment=1377635400049#c8217849080029000882'> 28 अगस्त 2013 को 2:00 am बजे
पिछले साल तक तो टीवी पर के बालगोपाल पीले रंग में ही थे, अक्षरा!!!
https://taanabaana.blogspot.com/2013/08/2013.html?showComment=1377661620821#c4868020131066417075'> 28 अगस्त 2013 को 9:17 am बजे
जैसे भी लगें, बच्चे हर रंग में सुन्दर लगें।
https://taanabaana.blogspot.com/2013/08/2013.html?showComment=1377666836818#c7683842392305066746'> 28 अगस्त 2013 को 10:43 am बजे
Shayad Dilli Mei Baithkar Poore Desh Ki Parikalpna Nahi Ki Ja Sakti...Aap Kabhi Phale Janamashti Par Idhar-Udhar Gaye Hote Tab Pata Chalta Ki Peele Mei Bhagwa Mix Aur Bhagwa Mei Peela Mix Rang Kaafi Samay Se Chala Aa Raha Hai...!!!
https://taanabaana.blogspot.com/2013/08/2013.html?showComment=1377669643568#c2997230311582714821'> 28 अगस्त 2013 को 11:30 am बजे
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें,सादर !!