17 फरवरी से इंडिया टीवी कलेजा ठोककर बिग टॉस नाम से वर्ल्ड कप पर सबसे बड़ा रियलिटी शो प्रसारित कर रहा है लेकिन उससे कोई पूछनेवाला नहीं है कि न्यूज चैनल पर रियलिटी शो प्रसारित करने की अनुमति किसने दी है? चैनल के खुराफात दिमाग एक के बाद एक स्टंट करने में सक्रिय हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की मानिटरिंग टीम ने अभी तक इस पर किसी भी तरह की आपत्ति नहीं जतायी है। यह माननेवाली बात बिल्कुल नहीं हो सकती कि इन दिनों इंडिया टीवी पर दोहरे स्तर पर( शो के भीतर प्रतिभागी खिलाडियों पर दाव लगा रहे हैं और शो के प्रतिभागियों पर दर्शकों को दाव लगाने को कहा जा रहा है) वर्ल्ड कप को लेकर जो सट्टेबाजी चल रही है,उसकी जानकारी मानिटरिंग टीम को नहीं है। लेकिन इस देश में सरकारी मंचों से टेलीविजन के किसी भी कार्यक्रम पर नकेल तब तक नहीं कसी जाती है जब तक कि कोई हादसा न हो जाए या फिर जनहित में किसी की ओर से मुकदमा न दायर कर दिए जाएं। इस हिसाब से इंडिया टीवी के उपर किसी तरह की कारवायी हो इसके लिए हमें किसी बड़े हादसे का इंतजार करना होगा। वैसे इस शो को चर्चा में लाने के लिए चैनल ने राखी सावंत और स्वामी अरविंद प्रसंग को हवा देने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दैनिक भास्कर और हिन्दुस्तान टाइम्स जैसे अखबार ने एक न्यूज चैनल पर रियलिटी शो शुरु किए जाने पर जहां आपत्ति में एक लाइन नहीं छापा,वही इस प्रसंग को सुर्खियों में बनाए रखा। इंडिया टीवी ने पब्लिसिटी के लिए खुद इन अखबारों की चर्चा की है।
इंडिया टीवी की ओर से प्रसारित बिग टॉस पर गंभीरता से बात करने की जरुरत सबसे पहले तो इस बात को लेकर है कि एक न्यूज चैनल पर रियलिटी शो की शुरुआत कैसे की जा सकती है? वैसे तो खबरों से जुड़े सवालों के जबाब देने के नाम पर कॉन्टेस्ट कराकर चैनलों और मोबाइल कंपनियों ने एक स्वतंत्र कमाई का जरिया विकसित कर ही लिया है लेकिन न्यूज चैनल की लाइसेंस पर विशुद्ध मनोरंजनपरक कार्यक्रम चलाने का काम कैसे कर सकता है? इस धंधे से चैनल को जो मुनाफा हो रहा है,उसका हिसाब-किताब वह कितनी पारदर्शिता से सामने रखता है, इस सवाल पर बात करना जरुरी है। साल 2007 में आजतक ने सीरियलों और टीवी पर आधारित जब ‘धन्नो बोले तो’ और राजू श्रीवास्तव के शो की शुरुआत की थी तो उसे इसी बात की फटकार मिली थी और कार्यक्रम बंद करना पड़ा। ये अलग बात है कि आज देश के तमाम प्रमुख न्यूज चैनलों पर रियलिटी शो,टीवी सीरियल,सिनेमा और मनोरंजन आधारित कार्यक्रमों पर तकरीबन 4-6 घंटे का समय दिया जाता है। उसके बाद रात के 12 बजे से गंडे-ताबीज,माला-महामंत्र बेचने-खरीदने का कारोबार शुरु हो जाता है। किसी भी एक न्यूज चैनल के 24 घंटे की रनडाउन( प्रोग्राम की लिस्ट) पर गौर करें तो मुश्किल से 8-9 घंटे ऐसे कार्यक्रम निकलकर आते हैं जिन्हें कि न्यूज चैनल के कार्यक्रम की कैटेगरी में रखे जा सकते हैं। नहीं तो उन पर वे सारे धंधे चलते हैं जिसे कि सरकार की ओर से या तो प्रतिबंधित किया गया है या फिर टैक्स के अन्तर्गत शामिल किया गया है। न्यूज चैनल की लाइसेंस लेकर इंडिया टीवी जो काम कर रहा है,वह किसी भी लिहाज से पत्रकारिता का हिस्सा नहीं है।
दूसरा कि क्रिकेट या किसी भी खेल पर सट्टेबाजी पूरी तरह प्रतिबंधित है। इंडिया टीवी पर बिग टॉस की जो फार्मेट है,वह सट्टेबाजी के करीब है। शो के भीतर जितने भी प्रतिभागी हैं,वे दो टीमों में बंटे हुए हैं। एक टीम वीणा मल्लिक की है और दूसरी राखी सावंत की। ये दोनों टीमें वर्ल्ड कप के प्रतिभागी खिलाड़ियों पर दाव लगाती है और उस हिसाब से उन्हें प्वाइंट के तौर पर रन मिलते हैं। इधर दर्शकों से इन शो के प्रतिभागियों पर दाव लगाने को कहा जाता है। अंत में अगर दर्शक और शो के प्रतिभागी के दाव के अनुसार खिलाड़ी जीतते हैं तो दोनों को इसका लाभ मिलेगा। इंडिया टीवी ने खुद इस शो की जगह को बाजीघर का नाम दिया है।
तीसरी बड़ी बात जिससे असहमत होते हुए अगर चैनल दावा करे कि इससे क्रिकेट की भावना का विकास होता है तो यह बकवास से ज्यादा कुछ भी नहीं होगी कि इसमें बिग बॉस की अश्लील हरकतों,बेवजह झमेले पैदा करने की नीयत को और मनोरंजन चैनलों से होड़ लेने की आदत को शामिल किया गया है। आज के दौर में एक न्यूज चैनल को दूसरे न्यूज चैनल से प्रतिस्पर्धा होने के बजाय मनोरंजन चैनलों से खतरा है क्योंकि इसके मुकाबले न्यूज चैनल देखने में कमी आ रही है। लोगों का इनकी खबरों के प्रति भरोसा उठने की वजह से खबरों के लिए न्यू मीडिया की शरण में जा रहे हैं और टाइमपास के लिए मनोरंजन चैनलों की तरफ जा रहे हैं। इंडिया टीवी इस खतरे से बचने के लिए 2007 में देर रात सेक्स संबंधी समस्याओं पर शो प्रसारित किया जिसका कि लोकप्रियता के बावजूद काफी विरोध हुआ और अब सीधे रियलिटी शो पर उतर आया है। अग इस पर कुछ कारवायी नहीं की गयी तो आनेवाले समय में कई दूसरे चैनल रियलिटी शो के मैंदान में उतरेंगे जो कि मीडिया के भविष्य के लिए बेहतर नहीं होगा। फिलहाल राखी सावंत ने बाबा अरविंद की साधना का बुरी तरह मजाक उड़ाया है और उनके शंख को डंबल की तरह इस्तेमाल किया है, रेडियो सिटी की मशहूर जॉकी सिमरन ने बाबा को काले अंगूर खिलाकर ठहाके लगाए हैं। इन सबसे बाबा को गहरा आघात लगा है और हॉस्पीटल में भर्ती हैं। बाबा के चेलों का विरोध जारी है। अगर ये विरोध जारी रहा और बाबा को कुछ हो गया तो उम्मीद कीजिए कि बिग टॉस पर सरकार की तरफ ध्यान जाएगा।
मूलतः प्रकाशित- टीवी मेरी जान,जनसंदेश टाइम्स 3 मार्च 2011
एक टिप्पणी भेजें