पंकज पचौरी का ये सवाल अभी पूरा ही होता कि टेलीविजन रियलिटी और बनावटी, देश और दुनिया के जाने-माने पत्रकार मार्क टली ने जबाब दिया-टेलीविजन की रियलिटी तमाशा है। रियलिटी शो में जो कुछ भी दिखाया जाता है उसमें कुछ भी रियल नहीं होता, सिर्फ तमाशा होता है। मार्क टली के इस विचार से नलिनी सिंह भी सहमत नजर आई और साफ कहा कि हल्की-फुल्की चीजें दिखाकर टेलीविजन किसी हद तक हमारा भला नहीं कर रहा। पंकज पचौरी की इस टिप्पणी पर कि चैनलों का हमेशा ये दावा होता है कि वो वही दिखा रहे हैं, जिसे कि देश की ऑडिएंस देखना चाहती है। पूरी पोस्ट के लिए क्लिक करें- http://teeveeplus.blogspot.com/
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http://taanabaana.blogspot.com/2009/02/blog-post_5723.html?showComment=1235386500000#c454692887167841886'> 23 फ़रवरी 2009 को 4:25 pm बजे
ये तो नंगा सच है।