"मैं तुम्हारा बॉस हूँ. यदि तुमने ड्रिंक नहीं लिया तो तुम अपनी नौकरी गवां सकती हो."- अविनाश पांडे,नेशनल सेल्स हेडः स्टार न्यूज। "तुम इतना सड़ा मुंह लेके क्यूँ घूमती हो ऑफिस में, Its not at all a pleasure to look at your face."- गौतम शर्मा, रीजनल हेड नार्थ इंडियाः स्टार न्यूज।
स्टार न्यूज,दिल्ली के दफ्तर में लंबे अनुभव के साथ काम करनेवाली एक महिलाकर्मी के लिए प्रयोग किए जानेवाले ये दो ऐसे वाक्य हैं जिसने न सिर्फ स्टार न्यूज के बल्कि पूरी मीडिया इन्डस्ट्री के दामन को दागदार कर दिया है। स्टार न्यूज की उंची कुर्सी पर बैठे अविनाश पांडे और गौतम शर्मा नाम के शख्स ने साल 2006 में स्टार न्यूज़ में बतौर मैनेजर एड सेल्स ज्वाइन करनेवाली सायमा सहर को लगातार मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया,उसकी बेईज्जती की और ऐसे काम करने के लिए दबाव बनाए जिसकी वो न तो कभी अभ्यस्त रही है और न ही उसका कॉन्शस ऐसे कामों की इजाजत देता है। इन सारी बातों की शिकायत सायमा सहर ने पहले एचआर और उंचे अधिकारियों से की लेकिन चारो तरफ से मिली बेरुखी और हताशा के बाद उसे इस बात की शिकायत नेशनल कमीशन फॉर वूमेन में जाकर करनी पड़ी। कमीशन की तरफ से सायमा के पक्ष में फैसला आए और इन दोनों पर कारवायी हो इससे पहले ही उन्हें कई तरह की धमकियां मिलनी शुरु हो गयी। ये धमकियां अपने पद और रसूख का हवाला देकर गौतम शर्मा और अविनाश पांडे की तरफ से भी थी और कुछ बेनामियों की तरफ से भी। इस बीच वो मानसिक तौर पर परेशान रहने लगी,अपने को असुरक्षति महसूस करने लगी लेकिन अपने साथ हुए इस दुर्व्यवहार को लोगों के सामने लाने का मन भी बनाती रही। इसी क्रम में उन्होंने मीडियाखबर डॉट कॉम के मॉडरेटर पुष्कर पुष्प से सम्पर्क किया और अपनी आपबीती साझा की। पुष्कर पुष्प ने इस पूरी बातचीत को मीडियाखबर डॉट कॉम पर विस्तार से प्रकाशित किया है और इस संबंध में सारे कागजात होने की पुष्टि की है। हम चाहते हैं कि आप तफसील से पूरी रिपोर्ट वहीं पढ़ें।
सायमा सहर की कहानी एक ऐसी सचेत स्त्री की कहानी है जिसके पास कॉर्पोरेट वर्ल्ड में काम करने का अच्छा-खासा अनुभव है। उसने अपने करियर की शुरुआत जिलेट इंडिया लिमिटेड से की और उसके बाद मार्क्स एंड स्पेंसर,स्कॉटलैंड के लिए भी काम किया। इस बीच उसने इस दुनिया के कई तरह के अनुभव हासिल किए,करीब तीन साल स्टार न्यूज में भी काम किया। इसलिए ये तो बिल्कुल भी नहीं कहा जा सकता कि वो काम के लिहाज से मिसफिट रही है या फिर उसे इस कल्चर में काम करने की समझ नहीं है। लेकिन फिर भी ये सबकुछ उनके साथ होता है। इन सबके वाबजूद अविनाश पांडे और गौतम शर्मा ने जो उन्हें लगातार परेशान करने की कोशिश की है जो कि पुरुष बॉस की आवारा नीयत को रेखांकित करता है। सायमा सहर ने अपनी पूरी बातचीत में ये स्पष्ट किया है कि किस तरह ये दोनों शख्स उस पर पब जाने के लिए,ड्रिंक करने के लिए,जबरदस्ती विश करने के लिए दबाव बनाते रहे और इस बात का एहसास कराते रहे कि बॉस की कही गयी बातें सही-गलत से परे हैं। ऐसे में आप अंदाजा लगा सकते हैं कि जो लड़कियां/स्त्रियां वर्किंग कल्चर में नयी-नयी आती हैं,जिन्हें हर-हाल में काम चाहिए,उन्हें इस महौल में एडजस्ट करने औऱ काम की बदौलत अपने को साबित करने में कितना मुश्किलें होती होगी। कितनी ऐसी घटनाएं बनती होंगी जो कि हम तक नहीं आने पाती है और जिसे इनहाउस दफना दिया जाता है। खुद स्त्रियां भी जिसे पब्लिक डोमेन में लाना नहीं चाहती होगीं कि इससे उनके करियर पर सीधा असर पड़ सकता है। वीमेन कमीशन खुद कई बार सामाजिक दुर्गति होने की आशंका जाहिर करते हुए इनके मनोबल को कमजोर करता नजर आता है। ऐसी घटनाओं से गुजरते हुए एकबारगी तो भरोसा टूटने सा लगता है कि पढ़-लिखकर,आर्थिक तौर पर निर्भर होकर देश की स्त्रियां मानसिक रुप से अपने को पुरुषवादी जकड़बंदी से अपने को मुक्त कर पाएगी। शायद उसकी बेहतरी के कोई रास्ते अब नहीं बचे हैं।
दूसरी तरफ ये एक ऐसे चैनल की कहानी है जो 'आपको रखे आगे'के दावे के साथ हमारे बीच पैर पसार रहा है। जाहिर है इस 'आप' में स्त्रियां भी शामिल है। अब गंभीर सवाल है कि जिस आगे रखने के काम में लोग लगे हैं,वहां काम करनेवाली स्त्रियां की धकेली जा रही हों,इतनी गुलाम है कि वो अपने साथ हुई ज्यादती की बात तक नहीं कर सकती, अगर करती है तो उसे धमकियां झेलनी पड़ती है,नौकरी से हाथ धोने पड़ते हैं। दुनियाभर के लोगों की कहानी सुनाने और बतानेवाले लोगों मेँ ठीठपना इस हद तक है कि वो इसें या तो नजरअंदाज कर जाते हैं या फिर पूरे मसले को दफनाने की कोशिश करते हैं,ऐसे में आप कैसे और किस तरह से आगे होने के दावे कर सकते हैं? आपको लगता है कि ये लाइनें बिजनेस और विज्ञापन की पंचलाइन से कुछ आगे जाकर असर करेगी?
स्टार न्यूज देश के रिप्यूटेड चैनलों में से एक है जहां हम इस तरह की घटनाओं की उम्मीद नहीं कर सकते। लेकिन जो सच हमारे सामने आ रहा है उसे इसकी इमेज के आधार पर नजरअंदाज भी नहीं कर सकते। ऐसे में मंझोले औऱ दोयम दर्जे के चैनलों पर गौर करना शुरु करें तो आपको सिर भन्ना जानेवाली घटनाएं और वारदात देखने को मिलेगी. किसी चैनल में रातोंरात सैंकड़ों मीडियाकर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है,कोई चैनल साधन के अभाव का हवाला देकर रातोंरात बंद हो जाता है,किसी चैनल में महीनों वेतन न मिलने पर मजबूरी में काम करनेवाले लोगों को सड़कों पर उतर आना पड़ता है। खर्चे में कटौती के लिए स्थीयी मीडियाकर्मियों को हटाकर बड़े पैमाने पर इन्टर्न की भर्ती की जाती है,जिन्हे सोलह से अठारह घंटे काम करने होते हैं और कैब तक की सुविधा नहीं दी जाती। इन सारी कहानियों को सुनते हुए संभव हो आपको भरोसा न हो क्योंकि इनमें से कोई भी खबर किसी स्थापित और रिप्यूटेड अखबार या चैनल में नहीं आते। जो भी आते हैं उनका एकमात्र स्रोत ब्लॉग या मीडिया साइट्स है। लेकिन जब आप यकीन करना शुरु करेंगे तो आपका खून खौलने लगेगा। आपका मन करेगा कि ऐसे शख्सों को चौराहे पर उतारकर कुछ नागरिक स्तर की कारवायी करें,कोर्ट कचहरी जो बाद में करे से करे।.
नोट- मेरी पोस्ट पढ़ने के बाद कार्टूनिस्ट अजय सक्सेना ने एक कार्टून बनाया और उसका लिंक कमेंट बॉक्स में डाला है। हम यहां उस कार्टून को साभार यहां छाप रहे हैं।
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http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272439208759#c5520746442722087647'> 28 अप्रैल 2010 को 12:50 pm बजे
विनीत जी, शुक्रिया इस मामले को हम सब तक पहुँचाने के लिए. ऐसे अविनाश और गौतम मीडिया में हर मोड़ पर खड़े किसी सायमा को अपमानित कर रहे हैं. जरूरत इनसे डरने की नहीं, बल्कि इनके खिलाफ मोर्चा खोलने की है. सारी महिलाकर्मी याद रखिये, ओफेंस इज द बेस्ट डिफेंस.
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272440525134#c884777708912726370'> 28 अप्रैल 2010 को 1:12 pm बजे
विनीत जी ,शुक्रिया ये सच सामने लाने के लिए |
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272443096771#c6912432121376231641'> 28 अप्रैल 2010 को 1:54 pm बजे
बेबाक रिपोर्ट...."
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272445643648#c5779360550788572312'> 28 अप्रैल 2010 को 2:37 pm बजे
जिस सच और सिर्फ सच को दिखाने का दावा हमारा मीडिया हर वक्त करता है। विनीत के इस लेख को पढ़ने के बाद मीडिया के सच से घृणा होने लगी है।
यह मीडिया का वो अंदरूनी सच है जो वहां हर पल हर दिन घटता है मगर सामने कम ही आ पाता है।
शुक्रिया विनीत।
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272453548316#c3458428325881888343'> 28 अप्रैल 2010 को 4:49 pm बजे
मैं इंसां हो के भी शैतान से पंजा लड़ता हूँ//
जहान मैं पावं रखता हूँ वहीँ फ़ितने उठता हूँ//
स्टार न्यूज़ की ही ये केवल कहानी नहीं है.हर चैनल में ऐसे बॉस लोग भरे पड़े हैं.मेरी कम से कम एक दो फ्रेंड्स को तो इसकी वजह से जॉब छोडनी पड़ी जिन्हें समझोता करना नहीं आता था//मेरी कई सीनियर लड़कियां जो कई सालों से अच्छा काम करती थी हैं उन्हें भी बार बार निशाना सिर्फ इस वजह से निशाना बनाया जाता है की वों बॉस के आगे झुंकने को तैयार नहीं.किसको क्या कहें सच और सच का साथ देने का टैग लगाये ये चैनल शातानो के अड्डे में तब्दील हो चुके हैं.ये चैनलों की दुनिया ज्यादे तो देखि नहीं मगर जब देखता हूँ एक छोटे से चैनल की ये हालात है तो बड़े चैनलों में बड़े बड़े बॉस लोग किस तरह क्या करते होंगे...
मैं ठहरा एक अदना सा मुलाजिम इस वजह से यहाँ चैनल के अंदर ज्यादे किसी से बात नहीं करता,मगर जिन लोगों से बात करो तो बात हमेसा इसी बात के इर्द गिर्द घूमेंगी कोंन किसकी चापलूसी करता है..कोंन किस बॉस तक बाते पहुचता है.किसपे कौन बॉस ज्यादे मेहरबान है.बिग बॉस इस्पे मेहरबान है उससे पंगा मत लेना भले ही वों आपकी इज्जत की व्हाट लगा दे देगा .कुछ भी उससे आता हो या नहीं बॉस उसपे मेहरबान है भैया वों आपको गाली दे तो भी सुन लो बरना जॉब गई... कभी कभी इन चीजों को तो देख के लगता है इसे अच्छा तो सुब्जी bhaji की दुकान ही खोल लें..
मैं गलत फहमीं में था की में चुप चाप अपने काम करता हूँ.और चीजों से कोई मतलब नहीं रखता कहाँ कोंन सी किसके खिलाफ पोलिटिक्स चल रही है .कम से कम मुझे लोग चापलूस नहीं समझते होंगे..मगर एक दिन ची की चुस्की लगते हउवे कुछ मुझसे सीनियर जिन्हें थोडा मैं अच्छा समझता था उन्होंने कह ही दिया साले तुम तो फ़ला बॉस के चापलूस हो.तुम से बड़ा कोई चापलूस नहीं.वाह क्या मीडिया है जहान बिना बॉस की मेहरबानी के जॉब तक हम नहीं कर सकते.....
(मेरी मज़बूरी समझिएगा सर मैं यहाँ फेसबुक पे कमेंट्स नहीं कर सकता)
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272453552886#c7642515107108903250'> 28 अप्रैल 2010 को 4:49 pm बजे
जो मीडिया चिल्ला चिल्ला कर सच का आईना रोज दिखाता है पर ऐसी घटनाओं को पढकर लगता है कि आज मीडिया को भी सच का आईना देखना चाहिए।
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272457449403#c9035930766773747934'> 28 अप्रैल 2010 को 5:54 pm बजे
pura system sad raha hai...!!
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272458137713#c3975076572189011577'> 28 अप्रैल 2010 को 6:05 pm बजे
Yahi blogari ki taakat hai.
Report ke liye badhaai.
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272458690379#c1714832764689696162'> 28 अप्रैल 2010 को 6:14 pm बजे
स्टार न्यूज़ में एक महिला के साथ उसके ही सहकर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार और उसकी शिकयत करने पर स्टार न्यूज़ के अधिकारियों द्वारा कार्यवाही नहीं करना तथा उसके बाद महिला पत्रकार द्वारा महिला आयोग में न्याय के लिए जाना / इस घटना ने न्यूज़ चेनलों के संस्कार को उजागर करने के साथ-साथ मिडिया,अपराध,आवारा पूंजी और गन्दी राजनीती के गठजोर से उत्प्पन हुई शर्मनाक स्थिति को भी उजागर किया है / दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिया जाना चाहिए /
आशा है आप इसी तरह ब्लॉग की सार्थकता को बढ़ाने का काम आगे भी ,अपनी अच्छी सोच के साथ करते रहेंगे / ब्लॉग हम सब के सार्थक सोच और ईमानदारी भरे प्रयास से ही एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित हो सकता है और इस देश को भ्रष्ट और लूटेरों से बचा सकता है /आशा है आप अपनी ओर से इसके लिए हर संभव प्रयास जरूर करेंगे /हम आपको अपने इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर देश हित में १०० शब्दों में अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखने के लिए आमंत्रित करते हैं / उम्दा विचारों को हमने सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / पिछले हफ्ते अजित गुप्ता जी उम्दा विचारों के लिए सम्मानित की गयी हैं /
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272458832342#c8755652893124546272'> 28 अप्रैल 2010 को 6:17 pm बजे
विनीत जी मैं इस बात को शुरू से महसूस करता रहा हूं कि जिस कैमरे से मीडिया को समाज देश और उसमें रह रहे सभी लोगों की करतूतें नज़र आ जाती हैं खबर बन जाती हैं उस कैमरे का रुख चाह कर भी वो खुद मीडिया की तरफ़ नहीं मुड पाता है , गाहे बेगाहे इसी तरह से बातें निकल कर आती हैं तो लगता है कि वहां भी जरूरत है किसी कैमरे की नज़र की । काश कि कभी कोई स्टिंग किसी चैनल की या अपनी खुद की छुपी हुई बातें दिखाने का माद्दा दिखाता । हां बात ये भी ठीक है आपकी कि कानून से परे अब नागरिकों को भी ऐसे मामलों में कुछ करना चाहिए , न हो तो उन महाशय के घर पर जाकर उनका सम्मान कर आएं , ऐसा कि उन्हें खुद अपने परिवार में बैठते शर्म आए
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272460086292#c8081142923595742661'> 28 अप्रैल 2010 को 6:38 pm बजे
मिडिया जगत मैं भी ऐसी घटनाएं बहुत मिलेंगी, अगर महिलाएं सच को सामने लाने से डरे ना ! आप का लेख हमारे तथाकथित सभ्य समाज को आयना दिखाता है ! आपका आभार व्यक्त करता हूं !
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272460230980#c2587259189127908282'> 28 अप्रैल 2010 को 6:40 pm बजे
Diya tale andheraa
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272460375781#c598350206903768857'> 28 अप्रैल 2010 को 6:42 pm बजे
पता नहीं किशोर आज्वानी जी ने इसे पढ़ा या नहीं !!
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272460542362#c4166896158599006517'> 28 अप्रैल 2010 को 6:45 pm बजे
सलाम आपकी बेबाकी को,नंगा करने वालों को नंगा कर दिया.
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272461117043#c9116255503449954307'> 28 अप्रैल 2010 को 6:55 pm बजे
हद हो गई !!!!!!!
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272464235312#c7869677723089143317'> 28 अप्रैल 2010 को 7:47 pm बजे
क्या इस्लामी नियम औरत को इन भूखे हैवानो से बचा सकते हैं ? कोई कायदा या तो फोल्लो करना पड़ेगा या फिर नया बनाना पड़ेगा . इस्लामी हिजाब नॉएडा में हुए gangrape जैसे हादसों से बचाता है . http://vedquran.blogspot.com/2010/04/pardah.html
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272464459384#c7519547443415508679'> 28 अप्रैल 2010 को 7:50 pm बजे
सबसे ज्यादा शोषित होते है मीडिया कर्मी ...जनरैल सिंह की तरह जूता फेक कर मारे जाने की जरुरत है....
आपको रखे आगे .... हुह ....नहीं इन्हें शूट करेगा ..आपको रखे अँधेरे में ....बहरहाल आपने सायमा जी की आवाज
को एक मंच दिया उसके लिए आप शाधुवाद के पात्र है.....धन्यवाद
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272468782215#c1170657182486591554'> 28 अप्रैल 2010 को 9:03 pm बजे
इन सारे चैनलो को दफ्न कर देना चाहिए
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272469578987#c1722896979685142638'> 28 अप्रैल 2010 को 9:16 pm बजे
अभी जो मैंने आपको अपनी प्रतिक्रिया दी थी ..उसी पर एक कार्टून बना कर उसे अपने ब्लॉग में पोस्ट किया है ..आपको समय मिले तो देखे
www.cartoonistajay.blogspot.com
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272469680563#c3715257866178407318'> 28 अप्रैल 2010 को 9:18 pm बजे
दुखद और घिनौना कृत्य!
हमेशा दूसरों को चीख चीख कर गन्दा और घिनौने चरित्र वाला ढोंगी पाखंडी कहने वालों का ये रूप भी आखिरकार सामने आही गया! ज़रूरत है की इससे लड़ा जाये और इसका चौतरफा विरोध किया जाना होगा! सवाल एक दो या दस लड़कियों का नहीं शोषण के एक पुरे चक्र का है और औरतों या लड़कियों को मात्र एक शरीर देखने वाली मर्दवादी सोच से लड़ने का है!
@ डॉक्टर अनवर जमाल
मुझे लगता है की आपको पोस्ट दुबारा पदनी चाहिए और अगर आप का सन्दर्भ यही पोस्ट है तो आपको इस्लाम को बेहतर समझने की ज़रूरत है दिल दिमाग को खोलकर! दूसरी बात ये की मज़हब और इलाकाई तहज़ीब में आसमान ज़मीन का फरक होता है! चीजों को बेहतर तरीके से देखने की कोशिश करें! और मुझे आप से ये भी पूछना है की आपकी राय उन लड़कियों के बारे में क्या है जो ४-५ साल की उम्र में हवास का शिकार बनती हैं! या खरीद फरोख्त का शिकार होने वाली लड़कियों (पचास फीसद से ज्यादा मुसलमान ही हैं) के लिए कौन जिम्मेवार है! वैसे आपने इस्लामिक इतिहास में सिफ्फिन की जंग का नाम सुना है?????????
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272470801356#c6207779456388171462'> 28 अप्रैल 2010 को 9:36 pm बजे
आपसे यही उम्मीद है और रहेगी। यूँ ही चोट करते रहें।
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272475654147#c2577309609584302050'> 28 अप्रैल 2010 को 10:57 pm बजे
’आपको रखे आगे-शोषण के लिये’
इस रिपोर्ट के लिये शाबासी, सायमा के प्रति शुभकामनायें। तुम्हारे लिये भी मंगलकामनायें क्योंकि क्या पता भाई लोग तुम्हारे खिलाफ़ कोई करने-कहने लगें!
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272476782156#c81812950082810155'> 28 अप्रैल 2010 को 11:16 pm बजे
जब यह मामला चर्चे में था तब इसे विस्तार से पढ़ा था.. अभी कुछ दिन पहले अजित जी भी फेसबुक पर इस बाबत बोल रहे थे..
अब इससे अधिक और क्या कहें!!
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272477635926#c6188174231166503245'> 28 अप्रैल 2010 को 11:30 pm बजे
This is a case of sexual harassment!
I think Victims should be able to move the court.
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272480807616#c6839395436520587187'> 29 अप्रैल 2010 को 12:23 am बजे
हमसब सायमा के साथ हैं। चैनलों के इस जाल से सरकारी चैनल भी अलग नहीं है। वहां गाली गलौज भले ही न हो, लेकिन सामाजिक सुरक्षा के नाम पर ठेंगा है।
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272483131113#c2380369189048161029'> 29 अप्रैल 2010 को 1:02 am बजे
सलाम आपकी बेबाकी को,नंगा करने वालों को नंगा कर दिया.
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272510362549#c1439471729351810497'> 29 अप्रैल 2010 को 8:36 am बजे
सच कहें तो हर उस क्षेत्र मे जहाँ स्त्रियाँ सबॉर्डिनेट स्टाफ हैं और मर्द बॉस हैं , सच्चाई लगभग ऐसी ही है। मीडिया मे अपेक्षाकृत अधिक है !
इस तरह की हरकते बेनकाब होती रहनी चाहिएँ।
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272515653366#c5368038888408868053'> 29 अप्रैल 2010 को 10:04 am बजे
"...स्टार न्यूज देश के रिप्यूटेड चैनलों में से एक है जहां हम इस तरह की घटनाओं की उम्मीद नहीं कर सकते..." - अच्छा, ऐसा क्या???
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272517297579#c5581467363429738451'> 29 अप्रैल 2010 को 10:31 am बजे
Suresh Chiplunkar
आप करेंगे भी कैसे...?
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272518365699#c2150121788690197114'> 29 अप्रैल 2010 को 10:49 am बजे
आज की मीडिया को समाज और राष्रूट्र के प्रति उसकी जबाबदेही का पता भी नहीं .. जहां ऐसे अन्यायी लोग बसते हों .. वहां से देश की समस्या को सुलझाने में मदद की आशा भी कैसे रखी जा सकती है ??
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272519806267#c3721948850031761428'> 29 अप्रैल 2010 को 11:13 am बजे
पैसा ये पैसा
कैसा ये पैसा
!!!!!!!!!!!!!!!!!!
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272521144640#c1230762952224542144'> 29 अप्रैल 2010 को 11:35 am बजे
ऎसा कहा नही होता
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272534856887#c5809069727016374801'> 29 अप्रैल 2010 को 3:24 pm बजे
स्टार न्यूज़ का मतलब हम्माम नहीं है जहां लोगों को धो कर साफ़ किया जाता हो... ऐसे लोग तो हर आफिस में मिल जायेंगे ... खासकर प्राइवेट सेक्टर के लिए ...
सच सामने लाने के लिए शुक्रिया
(और हाँ ... हो सके तो कृपया ओपन आईडी से कमेन्ट आप्शन खोलें)
http://padmsingh.wordpress.com
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272566728562#c7684822598420799677'> 30 अप्रैल 2010 को 12:15 am बजे
बहुत साहसिक पोस्ट. ज़रूरी भी.
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272576588528#c8389544826741839232'> 30 अप्रैल 2010 को 2:59 am बजे
टीवी न्यूज वाले खुद को ग्लैमर इंडस्ट्री का हिस्सा समझते हैं। वैसे ये बीमारी दूरदर्शन की भ्रष्ट व्यवस्था की देन हैं। वहां कई काले किस्से दफ्न हैं। टीवी जर्नलिस्ट कौन से दूध के धुले हैं।
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272582630896#c7663390950677139683'> 30 अप्रैल 2010 को 4:40 am बजे
Sujata ji se sahmat :
सच कहें तो हर उस क्षेत्र मे जहाँ स्त्रियाँ सबॉर्डिनेट स्टाफ हैं और मर्द बॉस हैं , सच्चाई लगभग ऐसी ही है। मीडिया मे अपेक्षाकृत अधिक है !
इस तरह की हरकते बेनकाब होती रहनी चाहिएँ।
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272632833942#c2956751645659077121'> 30 अप्रैल 2010 को 6:37 pm बजे
ये है इनका असली चेहरा....काला पुता हुआ...बेशर्म
http://taanabaana.blogspot.com/2010/04/blog-post_28.html?showComment=1272736287603#c7847356761171631779'> 1 मई 2010 को 11:21 pm बजे
जहां तक मुझे लगता है कि पकते हुए चावल का एक दाना देखकर ही पूरे चावल के कच्चे या पक्के का अंदाज लगाया जाता है।
फिलहाल तो लगता है स्टार न्यूज वही दाना है । बाकी चावल तो बर्तन में है ही, कहीं वह भी उसी तरह के न हों।
शुक्रिया इस बेबाक रिपोर्टिग के लिए।