....तो अभी तक आप अपने बूढ़े मां-बाप को गांव और बड़े भाई साहब के यहां से ले आए होगे। वो सब कुछ भी कर दिया होगा जिससे वो इलीट के मां-बाप जैसे दिखने लगे होंगे।...दिल्ली जैसे बड़े शहरों की आवोहवा में एडजेस्ट कर गए होंगे। अब आगे पढ़िए कि क्या करना है-
आपके घर में आजकल एक नया चैनल आ रहा होगा- एनडीटीवी इमैजिन। आपकी माताजी को पता होगा क्योंकि वो रामायण भी दिखा रहा है। तो सुनिए...सात से आठ उसी चैनल पर एक प्रोग्राम आता है- नच ले वे विद सरोज खान। पूरा दिखा सकें तब तो सोने पे सुहागा हो जाए नहीं तो शुरुआत का कम से कम दस मिनट जरुर दिखाएं। आपको ऑफिस से लौटने में देर हो जाती है तो कोई बात नहीं, सुषमा तो तब तक स्कूल से आ जाती है, उसी को बोल दें। ये दस मिनट उनके लिए होता है जो डांस को रगड़कर तो नहीं सीख पाते लेकिन दस मिनट के अभ्यास से मोटा-मोटी स्टेप्स सीख जाते हैं।॥उतना कि देखकर लगे कि बंदे को डांस की समझ है। अच्छा, अपनी सरोज सीखाती भी वही सारे स्टेप्स हैं जो ऑनडिमांड होते हैं। मसलन मौजा-मौजा या फिर सलामे इश्क,इश्क,इश्क सलामें इश्क। अगर मा-बाबूजी ने इतना सीख लिया तो समझिए चारों धाम की चौखट पूरी हो गई।
इतना सबकुछ हो जाने पर ऑफिसीयली तौर पर अपनी फैमिली को रॉक एन रॉल फैमिली घोषित कर दीजिए। आपको तो नाचना आता ही है, एक-दो घूंट गुर्दे की दवाई मिल गई तो अच्छा नाच ही लेंगे। सुषमा कत्थक में डिप्लोमा है ही और आरुशि को रेगुलर डांस क्लास में भेज ही रहे हो। इधर मां-बाबूजी का पैकेज तैयार हो ही गया है। बस अब आप हो गए तीन पीढियों की ऐसी फैमिली जिस पर खानदान को गर्व हो सकता है।
अब आज से प्रत्येक शुक्रवार और शनिवार को जीटीवी ९ से दस बजे तक के लिए बैठ जाइए। आज आपके लिए पहला दिन होगा। आजसे आपको मिलेंगे अजय देवगण, काजोल और तनुजा। अजय और काजोल भारत के लिए सबसे बेजोड़ और आदर्श पति-पत्नी हैं। मेरे हिसाब से तो राम और सीता से भी ज्यादा बेजोड़ क्योंकि दोनों मिलकर फ्रीज और फोन बेचते हैं। कंधे से कंधा मिलाकर। राम की तरह नहीं कि वो कंदमूल लेने चले गए और इधर सीता के माथे गोबर से घर लीपने का काम पड़ गया। आपको मन है तो कह सकते हैं कि अजय भगवान राम से ज्यादा प्रोग्रेसिव है और इधर काजोल ने भी साबित कर दिया है कि वृद्ध पूंजीवाद की परवरिश बिना स्त्रियों के सहयोग के नहीं की जा सकती।....और जिन बूढ़े दर्शकों को उनके नाती-पोतों ने सोनी मैक्स से जबरदस्ती घसीटकर हंगामा, बिंदास और कार्टून नेटवर्क पर ला पटका है उन बुजुर्गों का खोया हुआ सम्मान ये जीटीवी वाले दिलाएंगे। तनुजा को लाएंगे और बुजुर्गों का मन एक बार फिर से हरा होगा, माताजी फिर तनुजा के सौन्दर्य से डाह करेगी और बहू की तरह ब्यूटी कॉन्सस हो जाएगी, फिर बूढ़े बाप का मन कहीं न भटकेगा और रात की कराह ओ मेरी सिद्धेश्वरी में तब्दील हो जाया करेंगे। ओल्ड एज एक बार फिर से गोल्ड एज में प्रवेश करेगा। बूढ़ी मां के प्रिंटेड ब्लॉउज के लिए एक बार फिर बाबूजी पार्टटाइम नौकरी के लिए जुगत भिड़ाने में लग जाएंगे, सुषमा को फिर राहत मिलेगी और मांजी भी सुषमा से कुमकुम नहीं मांगेगी, अपने पति की बूढ़ी कमायी से शिल्पा चार चांद लगाएगी।....इतना मजा, फायदा और बदलाव तो तब आएगा जब आपकी रॉक एन रॉल फैमिली महज दर्शक की हैसियत से जीटीवी को ९ से १० देखती है और अगर दीपासती माई की किरपा से प्रोग्राम में पार्टिसीपेट करने का मौका मिल गया तब तो आपके ये बूढ़े मां-बाप दो-चार ठुमके लगाकर ही चैनल से इतने पैसे दिलवा देंगे कि बड़ी होने पर आपकी आरुशि भी एयर हॉस्टेस, टीवी एंकर या फिर इवेंट मैनेजर बनकर नहीं कमा पाएगी और अगर तरक्की मिल भी गई तो बदनामी भी साथ लाएगी।
इसलिए हे पाठकों, मेरी आपसे बस इतनी ही अपील है कि बूढ़े मां-बाप को दुरुस्त करके एनडीटीवी और जीटीवी की खुराक जरुर लगाएं, यकीन मानिए उनके मरझाए चेहरे पर रौनक फिर से लौट आएगी। ....और बाकी तो चैनल खुद साबित कर ही रहा है कि आपके बूढ़े मां-बाप भी आपको बना सकते हैं धन्ना सेठ। इसलिए ये कब काम आ जाएं आप भी नहीं जानते। हो सकता है कल को कोई एनजीओ ऑफर निकाल दे कि अपने बूढ़े मां-बाप को जमा कीजिए और जिनको लड़का-बच्चा नहीं हो रहा वो नवजात शिशु ले जाए, एक्सचेंज ऑफर
आगे पढिए बदलते समाज में बुजुर्गों की हैसियत
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http://taanabaana.blogspot.com/2008/03/blog-post_14.html?showComment=1205481360000#c6089846730366347191'> 14 मार्च 2008 को 1:26 pm बजे
हुलिया ही बदल दिए ब्लॉग का, बढ़िया लग रहा है
http://taanabaana.blogspot.com/2008/03/blog-post_14.html?showComment=1205599800000#c950033251262377262'> 15 मार्च 2008 को 10:20 pm बजे
हाँ, अब लग रहा है कि 'मनोरंजन प्रधान चैनलों की भाषिक संस्कृति' पर शोध कर रहे व्यक्ति का ब्लॉग है! रूप-रंग में बदलाव ब्लॉग के मुताबिक है. और अब तस्वीरें भी आनी चाहिए साथ में...