tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post8463203575467059098..comments2023-10-26T18:12:59.863+05:30Comments on साइड मिरर: रेडियो डे है आजविनीत कुमारhttp://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-7170134994135089162007-12-11T15:06:00.000+05:302007-12-11T15:06:00.000+05:30बहुत खूब लिखा हवामहल सुनने से ज्यादा मजा पापा के झ...बहुत खूब लिखा <BR/><BR/>हवामहल सुनने से ज्यादा मजा पापा के झल्लाते हुए देखने में आता था।<BR/><BR/><BR/>और सरजी, रेडियो सुननेवाले ऑल्वेज खुश<BR/>बहुत खूबराजीव जैनhttps://www.blogger.com/profile/07241456869337929788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-6500046730677291872007-12-11T11:37:00.000+05:302007-12-11T11:37:00.000+05:30vaah bahut achha varnan.vaah bahut achha varnan.इरफ़ानhttps://www.blogger.com/profile/10501038463249806391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-10846416406611214852007-12-11T11:34:00.000+05:302007-12-11T11:34:00.000+05:30बहुत बढिया लिखे भाई विनीत. अब न एफएम है, तब तो आका...बहुत बढिया लिखे भाई विनीत. अब न एफएम है, तब तो आकाशवाणी के पटना स्टेशन से रविवार को इन्द्रधनुष का ही इंतज़ार रहता था. याद है वो ठठेरी बाज़ार डुमरांव, और झुमरी तिलैया और तिरपोलिया से चुन्नु, मुन्नु, पिंकी, सिंकी और परिवार के लोगों के फरमाइश कितने आते थे. ये ठठेरी बाज़ार डुमराव वाले तो मेरे हिसाब से एक शोध का विषय हैं. हर फरमाइश में उनका नाम शामिल होता है.<BR/>मेरे स्कूल के बग़ल में तो बाक़ायदा एक रेडियो श्रोता संघ का बोर्ड टंगा था. आपकी पोस्ट उन सारी बातों की याद ताज़ा करा गयी.<BR/><BR/>कोई चाहे तो इसे और आगे बढाए.Rakesh Kumar Singhhttps://www.blogger.com/profile/09355343165726493984noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-81298597565538615282007-12-11T10:42:00.000+05:302007-12-11T10:42:00.000+05:30विनीत भाई रेडियो हमारे जीवन की सतत उपस्थिति रही है...विनीत भाई रेडियो हमारे जीवन की सतत उपस्थिति रही है । रेडियो से जुड़ी आपकी यादें काफी रोचक हैं । <BR/>क्या आप रेडियोनामा में शामिल होना चाहेंगे । कृपया रेडियोनामा पर पधारें और देखें कि रेडियो प्रेमियों ने क्या महफिल सजा रखी है । <BR/>radionamaa.blogspot.comYunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.com