tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post8430901305232785073..comments2023-10-26T18:12:59.863+05:30Comments on साइड मिरर: उदय प्रकाश खुश हैं इसलिए मैं भी खुश हूंविनीत कुमारhttp://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-72553483788384575862010-12-24T13:20:32.936+05:302010-12-24T13:20:32.936+05:30aap hame pasand hain aur .... shradhye udai prakas...aap hame pasand hain aur .... shradhye udai prakash<br />ji aapko pasand hain .... sahitya ka sangayan bilkul<br />na ho pane ke babzood aapki samiksha hame bahut bhati hai .... so lekhak ab to dohri pasand ke ho <br />gaye.....<br /><br />sadar.सञ्जय झाhttps://www.blogger.com/profile/08104105712932320719noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-91668736015167514592010-12-24T01:02:18.890+05:302010-12-24T01:02:18.890+05:30खुश तो मैं भी बहुत हूँ आज !खुश तो मैं भी बहुत हूँ आज !TRIPURARIhttps://www.blogger.com/profile/10949468977733466263noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-81988665736708368522010-12-23T22:52:38.693+05:302010-12-23T22:52:38.693+05:30विनीत जी ! आपने अपनी जिस सच्ची और गहरी संवेदना से ...विनीत जी ! आपने अपनी जिस सच्ची और गहरी संवेदना से लिखा है वो मन को छू गया ....! मेरे सबसे प्रिय लेखक का सम्मान करके साहित्य अकादमी खुद सम्मानित हुई है... ,उदय जी ने जो कुछ लिख दिया है... रच दिया है उसके सामने ये सारे सम्मान अब बहुत छोटे हैं .... जो उन्हे बहुत पहले दिया जाना चाहिए वह सम्मान अब जब उनकी चौखट पर पहुँचा है तो खुद ही गदगद है '' मोहनदास ''से मिलकर ।सुशीला पुरीhttps://www.blogger.com/profile/18122925656609079793noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-69531487258937695202010-12-23T14:39:06.850+05:302010-12-23T14:39:06.850+05:30मैंने पहली बार(ब्लॉग को छोड़कर) उन्हें करीब चार मह...मैंने पहली बार(ब्लॉग को छोड़कर) उन्हें करीब चार महीने पहले पढ़ा था 'तिरिछ' में.. उसके बाद से मुझे उनकी कोई भी किताब जहाँ कहीं भी मिली मैंने उसे पढ़ने का मौका खोया नहीं.. मेरे भी पसंदीदा लेखकों में मात्र चार महीने में ही उन्होंने अपनी जगह बना ली..<br />मुझे भी बेहद अच्छा लगा था यह समाचार सुन कर..PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-65596420833810552052010-12-23T14:14:50.109+05:302010-12-23T14:14:50.109+05:30जैसे ही साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा हुई और ...जैसे ही साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा हुई और उनमें उदय प्रकाशजी के नाम के बारे में पता चला तो सबसे पहले मैं हैरान थी, इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि उन्हें यह पुरस्कार मिल रहा है। उनके जैसा व्यवस्था से दूर रहने वाला लेखक जब पुरस्कार पाता है तो खुशी से ज्यादा हैरानी होती है। <br />लेकिन पाठक के तौर पर क्या वाकई इस बात से अंतर पड़ता है, हम उन्हें तब से पढते आ रहे हैं जब कोई पुरस्कार उनके साथ नहीं था। हंस में जब "पीली छतरी वाली लड़की" प्रकाशित हुई थी उन दिनों हंस के लिए बारी लगती थी। उदय प्रकाश के पाठक उनके लिखे को कितना चाहते हैं, ये सब जानते हैं। आज के दौर के हिन्दी के सबसे सक्रिय और संवेदनशील लेखक का पुरस्कार पाना हैरानी और खुशी दो भावों के बीच कहीं झुला देता है क्योंकि वो एक ऐसे लेखक हैं जिन्होंने ये सब किसी जोड़-तोड़ से नहीं अपने लेखन से अर्जित किया है।नीलिमा सुखीजा अरोड़ाhttps://www.blogger.com/profile/14754898614595529685noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-76511729611759137412010-12-23T10:41:28.066+05:302010-12-23T10:41:28.066+05:30उदय प्रकाश के पुरस्कार मिलने पर आपकी ही तरह मैं भी...उदय प्रकाश के पुरस्कार मिलने पर आपकी ही तरह मैं भी खुश हूँ. इसलिए नहीं कि मैंने उनकी कहानियों पर एम.फिल. किया है. बल्कि इसलिए कि साहित्य में जब सब कुछ जोड़-तोड़ के हवाले हो गया है एक लेखक ऐसा है जो केवल अपने लेखन के कारण इतना बड़ा हो जाता है कि सब उसके सामने बौने नज़र आने लगते हैं. उदय प्रकाश हैं तो हम जैसे लेखकों की उम्मीद बची हुई है, सुन्दर की सम्भावना बची हुई है. वैसे आपके सूचनार्थ बता दूं कि दिल्ली विश्वविद्यालय के सिलेबस का हिस्सा उदयजी भी हो चुके हैं. बहुत दिनों तक इतने बड़े लेखक की उपेक्षा नहीं की जा सकती.<br />वैसे मेरा उनसे कोई संवाद नहीं है, लेकिन तीन दिनों से उनके ऊपर कोई भी लिखता है अंदर से खुशी महसूस होती है. आपको इतना सुन्दर और साफ़ लिखने के लिए बधाई.prabhat ranjanhttps://www.blogger.com/profile/13501169629848103170noreply@blogger.com