tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post7975712022469565596..comments2023-10-26T18:12:59.863+05:30Comments on साइड मिरर: रेडियो नाटक की याद दिला गए सुमन वैद्यविनीत कुमारhttp://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-27997677736266795312010-01-01T12:03:23.389+05:302010-01-01T12:03:23.389+05:30कार्यक्रम में मैं भी मौजूद था. लेकिन अपने आपको कार...कार्यक्रम में मैं भी मौजूद था. लेकिन अपने आपको कार्यक्रम से जोड़ नहीं पा रहा था. मुझे लगता है कि मेरे जैसे और भी लोग थे. बीच में कुछ लोग उठ कर भी चले गए. कहीं पर कुछ कमी रह गयी थी. उसपर मंथन करने की जरूरत है. वैसे अच्छी पहल है. पेंगुइन इंडिया के संपादक निरुपम जी बधाई. उनका मंच संचालन भी बेहतर था. - पुष्कर पुष्पपुष्कर पुष्पhttps://www.blogger.com/profile/17279446104672331339noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-11698654476153822912010-01-01T09:10:13.608+05:302010-01-01T09:10:13.608+05:30बहुत अच्छी बात हुई है यह। यह क्रम आगे भी जारी रहे।...बहुत अच्छी बात हुई है यह। यह क्रम आगे भी जारी रहे।<br /><br />आपको नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-27853487486344554912010-01-01T00:35:01.119+05:302010-01-01T00:35:01.119+05:30यात्रा बुक्स और पेंग्विन इंडिया ने एक अच्छी पहल की...यात्रा बुक्स और पेंग्विन इंडिया ने एक अच्छी पहल की है. जिसका चस्मदीद मैं नही हो सका. अफ़सोस था मगर आपकी रिपोर्टिंग इस खालीपन को भरने का काम कर दिया.विनीत उत्पलhttps://www.blogger.com/profile/10187277796958778493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-38519019015265096632009-12-31T23:38:47.908+05:302009-12-31T23:38:47.908+05:30नवभारत टाइम्स के लिए किताबों की समीक्षा करने की है...नवभारत टाइम्स के लिए किताबों की समीक्षा करने की हैसियत से मुझे भी आमंत्रण था, मगर दूसरी व्यस्तताओं के चलते जा नहीं पाया। आपने उस वजह से पैदा होने वाले अफसोस को कम कर दिया। शुक्रिया।सौरभ द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/08413016577203253535noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-88045707184358100292009-12-31T23:32:42.915+05:302009-12-31T23:32:42.915+05:30एक अच्छी पहल
जिससे न पढ़ने की समस्या का निकल रह...एक अच्छी पहल <br />जिससे न पढ़ने की समस्या का निकल रहा है हल<br />मैं भी अवश्य आता<br />जबकि मैं पढ़ता भी हूं<br />पर सुनने का आनंद<br />उठाना चाहता<br />गर दिल्ली से बाहर न होता।<br />सभागार का भरना<br />जारी रहे और<br />ऐसे आयोजन अन्य प्रकाशकों को भी<br />प्रेरणा प्रदान करें<br />ऐसी शुभकामनाओं के साथ<br />नये साल और नयी पाठककारी का स्वागत है। <br /><br />दूध लघुकथा लघु होते हुए भी गहरे अर्थों को बखूबी उकेरती है।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.com