tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post5630660106018180240..comments2023-10-26T18:12:59.863+05:30Comments on साइड मिरर: और हीस्टीरिया के शिकार हो गए न्यूज चैनल्सविनीत कुमारhttp://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-47258672310004120052010-02-26T19:21:54.839+05:302010-02-26T19:21:54.839+05:30बढ़िया धोया सभी को विनीत. इस हम्माम मे सभी चैनल नंग...बढ़िया धोया सभी को विनीत. इस हम्माम मे सभी चैनल नंगे नज़र आये. सच है कि सचिन की पारी लाज़वाब थी. हमारे जेहन मे बरसों रहेगी. हम सभी ने भरपूर लुत्फ़ उठाया. लेकिन और भी ग़म हैं.. लेकिन यह भी सच है कि हिन्दुस्तान मे न्यूज़ के नाम पर ३ ’सी’ ही बिकते हैं - क्रिकेट, सिनेमा और क्राइम. तो बिचारे एंकर और मालिकान क्या करें. कुछ माह पूर्व हमारे विश्वविद्यालय मे एक सेमिनार मे पंकज पचौरी आए थे. एक सत्र मे वे, तथा अन्य मीडिया महारथी भी थे. एक प्रश्न मैंने इन्डिया टी वी क उदाहरण दे कर किया, जिसके जवाब मे सभी लोगों ने कहा कि हम वही दिखाते हैं जो दर्शक पसन्द करते हैं. यानी हम कस्टमर ओरिएन्टेड कन्टेन्ट बनाते है. long run में जो बेहतर होगा वही टिकेगा. पंकज जी ने NDTV का उदाहरण दे कर बताया कि देखिये हम अलग अलग चैनल अलग अलग तरह के दर्शकों (कंज़्यूमरों) के लिए चलाते हैं कहीं किंगफ़िशर कैलेन्डर की कवरेज होती है तो कहीं गंभीर समाचारों की. हो यह रहा है कि शुरू में ये कहते हैं we give what the audience want. और कुछ दिन बाद वे सोचते हैं कि we give what the audience deserve.sudeshhttps://www.blogger.com/profile/15018522576819723375noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-1642287800381691142010-02-26T19:21:53.210+05:302010-02-26T19:21:53.210+05:30बढ़िया धोया सभी को विनीत. इस हम्माम मे सभी चैनल नंग...बढ़िया धोया सभी को विनीत. इस हम्माम मे सभी चैनल नंगे नज़र आये. सच है कि सचिन की पारी लाज़वाब थी. हमारे जेहन मे बरसों रहेगी. हम सभी ने भरपूर लुत्फ़ उठाया. लेकिन और भी ग़म हैं.. लेकिन यह भी सच है कि हिन्दुस्तान मे न्यूज़ के नाम पर ३ ’सी’ ही बिकते हैं - क्रिकेट, सिनेमा और क्राइम. तो बिचारे एंकर और मालिकान क्या करें. कुछ माह पूर्व हमारे विश्वविद्यालय मे एक सेमिनार मे पंकज पचौरी आए थे. एक सत्र मे वे, तथा अन्य मीडिया महारथी भी थे. एक प्रश्न मैंने इन्डिया टी वी क उदाहरण दे कर किया, जिसके जवाब मे सभी लोगों ने कहा कि हम वही दिखाते हैं जो दर्शक पसन्द करते हैं. यानी हम कस्टमर ओरिएन्टेड कन्टेन्ट बनाते है. long run में जो बेहतर होगा वही टिकेगा. पंकज जी ने NDTV का उदाहरण दे कर बताया कि देखिये हम अलग अलग चैनल अलग अलग तरह के दर्शकों (कंज़्यूमरों) के लिए चलाते हैं कहीं किंगफ़िशर कैलेन्डर की कवरेज होती है तो कहीं गंभीर समाचारों की. हो यह रहा है कि शुरू में ये कहते हैं we give what the audience want. और कुछ दिन बाद वे सोचते हैं कि we give what the audience deserve.sudeshhttps://www.blogger.com/profile/15018522576819723375noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-76377936264977602072010-02-26T07:10:26.370+05:302010-02-26T07:10:26.370+05:30बहुत सुन्दर लेख। सचिन के बारे में ऐसी-ऐसी बातें कह...बहुत सुन्दर लेख। सचिन के बारे में ऐसी-ऐसी बातें कह गये भाई लोग कि सुनकर ताज्जुब हुआ।<br /><br />एक मेहनती,समर्पित और प्रतिभाशाली इन्सान को लोग जबरियन भगवान दे रहे हैं। <br /><br />मीडिया की दुनिया के किस्से पढ़कर भी बहुत अच्छा लगा।<br /><br />बधाई!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-38456696779117128542010-02-25T21:58:34.471+05:302010-02-25T21:58:34.471+05:30फिर से कहूँगी..धुवांधार रिपोर्टिंग विनीत.फिर से कहूँगी..धुवांधार रिपोर्टिंग विनीत.L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-59749656947713842462010-02-25T15:08:10.580+05:302010-02-25T15:08:10.580+05:30चुपचाप बैठे क्राइम बीट के लोग सोच रहे होंगे – क्या...<b>चुपचाप बैठे क्राइम बीट के लोग सोच रहे होंगे – क्या आज किसी दलित महिला के साथ शोषण नहीं हुआ होगा, किसी बच्ची की जान नहीं ली गयी होगी, किसी पुलिसवाले ने किसी को नंगा नहीं किया होगा… किया होगा न… तो, तो क्या सचिन के आगे कुछ नहीं चलेगा, चुप्प। टेलीविजन पर देश का लोकतंत्र ऐसे ही सिकुड़ता है।</b><br /><br /><br />हर मीडियाकर्मी मेटारिपोर्टिंग के बारे में आपके बराबर नहीं सोचता, और एथिक्स का मीडिया से घणा पुराना बैर है. फिर तो यह चैनल केवल मुनाफे के लिए चलते हैं.ab inconvenientihttps://www.blogger.com/profile/16479285471274547360noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-39890871339844822282010-02-25T14:01:05.763+05:302010-02-25T14:01:05.763+05:30ye rann hai ..jitne ke liye koi bhi kisi bhi had t...ye rann hai ..jitne ke liye koi bhi kisi bhi had tak ja sakta hai,phir media kya cheez hai :)Parul kananihttps://www.blogger.com/profile/11695549705449812626noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-50006587292907642752010-02-25T13:18:52.335+05:302010-02-25T13:18:52.335+05:30सचिन के महिमामंडन पर लिखीं तमाम पोस्टों के बीच आपक...सचिन के महिमामंडन पर लिखीं तमाम पोस्टों के बीच आपकी यह पोस्ट बहुत ही संतुलित और गंभीर है। मात्र 200 रन बनाने वाले सचिन ने देश या खेल जगत में ऐसी कौन-सी क्रांति कर दी है जिसे मैं समझ पाने में अनिभिज्ञ हूं।Anshu Mali Rastogihttps://www.blogger.com/profile/01648704780724449862noreply@blogger.com