tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post3783357499017210920..comments2023-10-26T18:12:59.863+05:30Comments on साइड मिरर: हिन्दी मीडिया, अर्थात, बौखलाए कंडीशन की खबरेंविनीत कुमारhttp://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-20311074702859451702008-03-25T23:58:00.000+05:302008-03-25T23:58:00.000+05:30विनीत जी, पहले तो आपको धन्यवाद इस लेख के लिए. आपने...विनीत जी, पहले तो आपको धन्यवाद इस लेख के लिए. आपने एकदम सटीक और सही आकलन किया है. मैं आपकी बात से सहमत हू, जिस दिन हिन्दी का दर्शक समझदार हो गया इस नौटंकियों की दुकान बंद होने मे समय नही लगेगा. लाख टके का सवाल है की हिन्दी के दर्शकों की सोच को जगाया कैसे जाय? मैने आपके ही किसी अन्य लेख मे पढ़ा था की हमे वैकल्पिक मीडिया की आवश्यकता है.<BR/>कैसे? ये ही मुद्दा है. परिवर्तन लाए जा सकते है बस एक लहर की ज़रूरत है. मैने एक पत्रकार की कोशिश के बारे मे लिखा है, जिसने अपने छोटे से अख़बार से कई जिलो में क्रांति ला दी है. आपको समय मिले तो देखिएगा.vikas pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02670834610081293845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-36663106399339371432008-03-25T20:12:00.000+05:302008-03-25T20:12:00.000+05:30एकदम सही मुद्दा, हिन्दी मीडिया अभी भी घुटनों के बल...एकदम सही मुद्दा, हिन्दी मीडिया अभी भी घुटनों के बल ही है… इलेक्ट्रानिक… प्रिंट मीडिया नहींAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-29388665983112348882008-03-25T18:13:00.000+05:302008-03-25T18:13:00.000+05:30bahut sahi baat pakdi guru..aage ki post ka intzaa...bahut sahi baat pakdi guru..aage ki post ka intzaar hai.bhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-70089425106745369672008-03-25T16:48:00.000+05:302008-03-25T16:48:00.000+05:30जब खबर देखनी होती है, हिन्दी द्रोह कर अंग्रेजी चैन...जब खबर देखनी होती है, हिन्दी द्रोह कर अंग्रेजी चैनल देख लेता हूँ, और अंग्रेजी अखबार पर नजरे फेर लेता हूँ. <BR/><BR/>दुख तो होता है... :(संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-67693424995978851182008-03-25T16:34:00.000+05:302008-03-25T16:34:00.000+05:30सच कह रहे हैं मैं तो सिर्फ छुटटी वाले दिन ही टीवी ...सच कह रहे हैं <BR/>मैं तो सिर्फ छुटटी वाले दिन ही टीवी देखता हूं <BR/>उस एक दिन में ही मैं सारे सीरियल की कहानी भी समझ जाता हूं और तो और अपन के न्यूज चैनल एक दिन में ही बोर करने लगते हैं। सब पर वही न्यूज ब्रेकिंग न्यूज और एक्सलूसिव की पटटी चलाकर। <BR/>कई बार नीचे स्क्रोल में चल रहे टिकर की हिंदी को देखकर माथा पकड लेता हूं।राजीव जैनhttps://www.blogger.com/profile/07241456869337929788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-57668054868630344022008-03-25T15:30:00.000+05:302008-03-25T15:30:00.000+05:30विनीत बाबू बहुत गुस्से में हो लेकिन गुस्सा जायज ...विनीत बाबू बहुत गुस्से में हो लेकिन गुस्सा जायज है, बोल हल्ला को आपके लेख का इंतजार हैAshish Maharishihttps://www.blogger.com/profile/04428886830356538829noreply@blogger.com