tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post1097265632006840502..comments2023-10-26T18:12:59.863+05:30Comments on साइड मिरर: लड़कियां क्रेडिट लेना क्यों नहीं जानतीविनीत कुमारhttp://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comBlogger9125tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-36475945158455750072009-05-06T23:34:00.000+05:302009-05-06T23:34:00.000+05:30मैंने तो जिस टॉपर का इन्टरव्यू सुना वह Fएर सारा श्...मैंने तो जिस टॉपर का इन्टरव्यू सुना वह Fएर सारा श्रेय अपने पति को दे रही थी। पतियों द्वारा ऐसा करते कभी नहीं सुना। <br />घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-24770501783548152022009-05-06T19:06:00.000+05:302009-05-06T19:06:00.000+05:30भाई साहब कभी आपने सोचा है की अपने को हीन कहने वाले...भाई साहब कभी आपने सोचा है की अपने को हीन कहने वाले सूर तुलसी आज भी क्यों पूज्य हैं?????<br /><br />एक चीज होती है जिसे कहते हैं सुसंस्कार और विनयशीलता.....<br />सुसंस्कारवान विनीत लोग(स्त्री /पुरुष) कर्म करने में विश्वास करते हैं और दंभ भरने में सकोच करते हैं....यह दोष नहीं बहुत बड़ा सद्गुण है...बड़े दिल वाले लोग ही अपने किये का श्रेय किसी और को देते हैं.... और वे ही सफल और सुप्रसिद्ध होकर पूज्य होते हैं...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-8071098245852919982009-05-06T16:05:00.000+05:302009-05-06T16:05:00.000+05:30दीप्ति हमने टाइटल बरखा दत्त की बात के हिसाब से दिय...दीप्ति हमने टाइटल बरखा दत्त की बात के हिसाब से दिया है लेकिन पोस्ट में सबों की बात शामिल है।विनीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-5305486601022583052009-05-06T16:01:00.001+05:302009-05-06T16:01:00.001+05:30मुद्दे में दम है। लेकिन, ये बात कुछ अटपटी लगी कि ल...मुद्दे में दम है। लेकिन, ये बात कुछ अटपटी लगी कि लड़कियाँ ही ऐसा करती हैं। मेरी समझ से तो हर एक वो इंसान जो भगवान को मानता है यही सोचता है कि जो है वो भगवान की कृपा से है। शुभ्रा एक ऐसी ही इंसान हो सकती है। लेकिन, ये कहना की केवल लड़कियाँ ही ऐसा करती है ग़लत है।Diptihttps://www.blogger.com/profile/18360887128584911771noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-84607692955610985642009-05-06T16:01:00.000+05:302009-05-06T16:01:00.000+05:30इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.Diptihttps://www.blogger.com/profile/18360887128584911771noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-88178095421959378122009-05-06T15:46:00.000+05:302009-05-06T15:46:00.000+05:30सही लिखा आपने सफ़ल होने पर तो ज़रूर कहते है भगवान का...सही लिखा आपने सफ़ल होने पर तो ज़रूर कहते है भगवान का आशिर्वाद था मगर असफ़लता का क्रेडिट भगवान को नही दिया जाता।तब कहा जाता है कि थोडी मेहनत और कर लेते तो नतीज़ा कुछ और होता ।Anil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-61431736620249283752009-05-06T15:07:00.000+05:302009-05-06T15:07:00.000+05:30विनीतजी,
बहुत महत्वपूर्ण चीज आपने यहां उठाई है।
दर...विनीतजी,<br />बहुत महत्वपूर्ण चीज आपने यहां उठाई है।<br />दरअसल, सारी मुसीबत की जड़ है भगवान ही। मुझे खुद अजीब-सा लगता है जब लड़कियां अपनी मेहनत का श्रेय कथित भगवानों को दे डालती हैं। आखिर भगवान ने किया या दिया ही क्या है जो हम उस अवास्तविक चीज को पूजें या मानें।<br />लड़कियों-महिलाओं को इस विषय पर गंभीर होना चाहिए।Anshu Mali Rastogihttps://www.blogger.com/profile/01648704780724449862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-43929674592677836662009-05-06T11:21:00.000+05:302009-05-06T11:21:00.000+05:30तब तब था
अब अब है
तब जग था
अब हम है
अब दूसरे क...तब तब था<br /><br />अब अब है<br /><br />तब जग था<br /><br />अब हम है<br /><br />अब दूसरे की रचना पर अपना नाम<br /><br />अधिकार समझा जाता है<br /><br />तो ऐसे में भगवान को क्रेडिट देना<br /><br />न जाने क्यों किसी को समझ नहीं आता है<br /><br />नाम अपना इतना लुभाता है<br /><br />सब जगह वही नजर आता है<br /><br />दूसरे के काम पर भी आज बंदा<br /><br />अपने नाम का ठप्पा लगाता है।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-18125680534511105352009-05-06T11:01:00.000+05:302009-05-06T11:01:00.000+05:30The first sign of Bureaucracy is to never take re...The first sign of Bureaucracy is to never take responsibilty of any thing on one self . I think shubha will be successful in her profession <br />i like your articleRachna Singhhttps://www.blogger.com/profile/15393385409836430390noreply@blogger.com