tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post8763953315251419617..comments2023-10-26T18:12:59.863+05:30Comments on साइड मिरर: अब यही चैनल आंदोलन को शो बता रहे हैंविनीत कुमारhttp://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-41087908329308857402012-08-17T22:10:40.351+05:302012-08-17T22:10:40.351+05:30Akhir yahi to hai "Mandi mein Media"Akhir yahi to hai "Mandi mein Media"THIRD PERSONhttps://www.blogger.com/profile/03597336047361228714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-40105384893443915432012-07-27T10:07:01.100+05:302012-07-27T10:07:01.100+05:30मीडिया शरीर का बुखार तक मुफ्त में नहीं देता यह तो ...मीडिया शरीर का बुखार तक मुफ्त में नहीं देता यह तो पता था पर इतनी बेशर्मी की उम्मीद भी न थी कि जिस आंदोलन पर रात दिन उछल उछल कर हल्ला मचा रहे थे, जिसपर बहस करा-कराकर करोड़ों बनाए उसे ऐसे इग्नोर कर देंगे...Satish Chandra Satyarthihttps://www.blogger.com/profile/09469779125852740541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-89582178839346141912012-07-27T01:07:43.944+05:302012-07-27T01:07:43.944+05:30मतलब इस बार सरकार ने भी अपना पूरा दमखम लगा दिया.. ...मतलब इस बार सरकार ने भी अपना पूरा दमखम लगा दिया.. वैसे इतना तो तय था ही अगर आंदोलन इस बार मजबूसी से खड़ा होता तो सरकार की कार पैंचर हो जाती,मजबूती से नही खड़ा होता तो हुजूर ये बात साफ हैं कि फिर इसे उठा पाना नामूमकिन सा होगा.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03619096228530370352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-11435211114357276592012-07-27T00:53:15.855+05:302012-07-27T00:53:15.855+05:30विनीत भाई, पिछली बार अन्ना-आंदोलन को समर्थन मे चीख...विनीत भाई, पिछली बार अन्ना-आंदोलन को समर्थन मे चीखने-चिल्लाने और शोर मचाने का नतीजा चेनल-चाकर भुगत चुके हैं...अब इन्हे अपनी घी में डूबी रोटी और मोटी-मोटी बोटी की फिकर भी तो है.....इन्हे पता है आंदोलन के ढोलक को पीटने से टीआरपी भले ही मिल जाए पर बाद मे होने वाला नुकसान टीआरपी के फायदे को घाटे मे तब्दील कर देगा...ऍड तो सरकार से मिलने है...सरकार समर्थित व्यापार से मिलने हैं....सरकार समर्थित दुकानदार से मिलने है...तो काहे को अपना नुकसान करें......और रही बात देश, जनता और जमीर की....मीडिया के लिए ये सब जुमले जरूरत पड़ने पर मनमाफिक इस्तेमाल करने भर को होते हैं....कवि शैलेश शुक्ला Poet Shailesh Shuklahttps://www.blogger.com/profile/02724215712356651966noreply@blogger.com