tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post7480804176013082849..comments2023-10-26T18:12:59.863+05:30Comments on साइड मिरर: अतरा में पतरा नहीं खोलेगा मेरा बेटाविनीत कुमारhttp://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-75749476884863500872011-05-09T16:11:10.874+05:302011-05-09T16:11:10.874+05:30माँ पर लिखा जितना भी पढ़ा जाए कम है.आपकी तीनों पोस...माँ पर लिखा जितना भी पढ़ा जाए कम है.आपकी तीनों पोस्ट बिना रुके पढ़ते गए......माँ मर्द को मौगा कहती...और न जाने कितने नए नए अर्थों वाले मुहावरे जानने को मिले... माँ को सब पता होता है..(उसके हिसाब से - यह मै अपनी माँ को याद करके कह रही हूँ)माँ मारती और फिर गोद में लेकर रोती....बहुत कुछ मेरे दिल का हाल .... <br />"मेरे भीतर से एक साथ न जाने कितनी चीजें टूटने लग जाती औऱ लगता सबकुछ कलेजे पर आकर जमा हो गया है।" इस लेख ने बहुत भावुक कर दिया...मीनाक्षीhttps://www.blogger.com/profile/06278779055250811255noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-45637788655780310432008-05-13T12:12:00.000+05:302008-05-13T12:12:00.000+05:30सच में भावुक कर देने वाली पोस्ट !सच में भावुक कर देने वाली पोस्ट !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-68613265018480181262008-05-12T23:32:00.000+05:302008-05-12T23:32:00.000+05:30पढ़ते पढ़ते माँ की याद हो आई-सभी माँऐं एक सी ही होती...पढ़ते पढ़ते माँ की याद हो आई-सभी माँऐं एक सी ही होती हैं. भावुक कर दिया.<BR/><BR/>अब तो माँ को गये ३ साल से भी ज्यादा हो गये फिर भी उसकी आवाज सुनाई देती है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-75107957982178936752008-05-12T20:40:00.000+05:302008-05-12T20:40:00.000+05:30रुला दिया आपने इस पोस्ट से तो.बहुत दिन बाद मां की...रुला दिया आपने इस पोस्ट से तो.<BR/><BR/>बहुत दिन बाद मां की याद आ गई.....bhuvnesh sharmahttps://www.blogger.com/profile/01870958874140680020noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-89131040250565475192008-05-12T18:48:00.000+05:302008-05-12T18:48:00.000+05:30विनीत जी ज्यादातर मांए ऐसी ही होती है और बेटे भी क...विनीत जी ज्यादातर मांए ऐसी ही होती है और बेटे भी कुछ कम नहीं होते आप के जैसे ही होते हैं जाने अनजाने रुलाने को तैयार पर फ़िर भी जिनकी एक झलक देख यूं ही खुशी से मन उमड़ पड़ता है। अब बेटे भी समझे तो क्या समझें , मां तो बेटे को आता देखते भी आखें छ्लकाती है और जाता देख कर भी। आप की माता जी को हमारा भी प्रणाम, बहुत अच्छी हैं वोAnita kumarhttps://www.blogger.com/profile/02829772451053595246noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-9650432564760480002008-05-12T18:11:00.000+05:302008-05-12T18:11:00.000+05:30सच मे रुला दिया आपने....सच मे रुला दिया आपने....कमलेश प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/00814103995497636531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-54545362822095077612008-05-12T17:33:00.000+05:302008-05-12T17:33:00.000+05:30विनीत भाई आपकी माँ मेरी से मिलती है. और यह लेख भी....विनीत भाई आपकी माँ मेरी से मिलती है. और यह लेख भी. आपकी माँ को नमन करता हू<BR/>राजेश रोशनRajesh Roshanhttps://www.blogger.com/profile/14363549887899886585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-7636391921913962742008-05-12T15:27:00.000+05:302008-05-12T15:27:00.000+05:30पीडी भाई की शिकायत वाजिब है। यह पोस्ट ऐसी है कि गह...पीडी भाई की शिकायत वाजिब है। यह पोस्ट ऐसी है कि गहरे वैरागी को भी नॉस्टेल्जिक कर जाए।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-71244102475372232192008-05-12T15:18:00.000+05:302008-05-12T15:18:00.000+05:30यादें गुनगुनाती है, अपने पास बुलाती। फिर हम कुछ दे...यादें गुनगुनाती है, अपने पास बुलाती। <BR/>फिर हम कुछ देर को,वही रह जाते है॥सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-37583017013159318712008-05-12T15:02:00.000+05:302008-05-12T15:02:00.000+05:30क्या क्या लिख देते हैं महाराज..क्यों ऐसा लिख कर घर...क्या क्या लिख देते हैं महाराज..<BR/>क्यों ऐसा लिख कर घर की याद को और मजबूत कर जाते हैं??PDhttps://www.blogger.com/profile/17633631138207427889noreply@blogger.com