tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post4403556879832883897..comments2023-10-26T18:12:59.863+05:30Comments on साइड मिरर: लेडिस देखकर दे ही देगाविनीत कुमारhttp://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-55824263933740951022007-10-19T11:07:00.000+05:302007-10-19T11:07:00.000+05:30काहे एतना धांसू लिख देते हो! अच्छा एक बात बताएं वि...काहे एतना धांसू लिख देते हो! अच्छा एक बात बताएं विनीतजी इ लेडीस का परिभाषा का हुआ? नंबर दू, इहो बताएं मीडिया के अलावा और किस-किस फ़ील्ड में ये पाएं जाते हैं.<BR/> हमको भी थोड़ा-थोड़ा लगता है कि आपकी बात में दम है. काहे कि ऐसन एक-दू आउर लोग से सुने में आया है ऑफ़ द रिकॉर्ड बातचीत में.<BR/><BR/>बहुत अच्छा चल रहा है.Rakesh Kumar Singhhttps://www.blogger.com/profile/09355343165726493984noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-55663879680697842962007-10-18T19:11:00.000+05:302007-10-18T19:11:00.000+05:30इतना ही कहूंगा कि भैया ज्यादा चिढो मत लेडीस के नाम...इतना ही कहूंगा कि भैया ज्यादा चिढो मत लेडीस के नाम पे. <BR/>पंचों उंगलियां बराबर नही ना होती .डा.अरविन्द चतुर्वेदी Dr.Arvind Chaturvedihttps://www.blogger.com/profile/01678807832082770534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-75053380195698472102007-10-18T13:56:00.000+05:302007-10-18T13:56:00.000+05:30क्या विन...क्या विनीत जी,<BR/>आप तो हाथ क्या पैर मुंह सब कुछ धोकर लेडिस लोग के पीछे पड़ गए। अरे भाई आप जिस मीडिया के दर्शन करके सरकारी दामाद बन कर लौटे हैं, वो मीडिया मीडियोकर लोगों के लिए हैं। हम आप जैसे लोगों के लिए बिलकुल नहीं जो कि हर हाल में खुश रहने वाले हैं। <BR/><BR/> मैं लगातार आपके बलॉग को पढ़ रही हैं अरे लेडिस लोग से कौनो गलती हुई गवा है क्या, काहे उनको मीडिया से बाहर कराने के पीछे पड़े हैं। जानते हैं ना मीडिया में इ सब जेन्टलमेन ही हैं जिन्होंने लड़कियों को यह बतायाहै कि हमारे साथ रहोगी तो ऐश करोगी। कम मेहनत मं बहुत आगे तक जाओगी। तब हमारे जैसे लोगों को कहां भेजिएगा जो इन बातों पर अपनी नौकरी को लात मार आते हैं। फिर भी मीडिया में जमें हैं , बस इतना ही तो है कि थोड़ा पैसा कम मिलता है, काम भी करना पड़ता है, तो भैया इसीलिए तो मीडिया में आए हैं ना। मीडिया से इतनी खुश्की अच्छी नहीं , सब जगह सब लोग एक से नहीं होते।नीलिमा सुखीजा अरोड़ाhttps://www.blogger.com/profile/14754898614595529685noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-88095721841536995212007-10-18T12:50:00.000+05:302007-10-18T12:50:00.000+05:30सही चल रहे हो गुरु!!!"जी" सुन कर अपना भी जी कैसा क...सही चल रहे हो गुरु!!!<BR/><BR/>"जी" सुन कर अपना भी जी कैसा कैसा होने लगता है बंधु!!Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.com