tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post2749202189510779057..comments2023-10-26T18:12:59.863+05:30Comments on साइड मिरर: मेनस्ट्रीम मीडिया के पार द्वारविनीत कुमारhttp://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-13881272158573995552008-10-29T20:33:00.000+05:302008-10-29T20:33:00.000+05:30विनीत जी आपकी पोस्ट ने एक बेहतरीन बहस छेड़ी है, आपक...विनीत जी आपकी पोस्ट ने एक बेहतरीन बहस छेड़ी है, आपकी पोस्ट पढ़कर मुझे ऐसा लगा जैसे के आप कुछ एक जाने माने ब्लोग्स ही पढ़ते हैं जिनको या तो कुछ पत्रकार लिखते हैं और उन्ही के बारे में समय समय पर अख़बारों में लिखा जाता है. अख़बारों में अक्सर उन्ही ब्लोग्स को जगह मिलती है जो या तो सीधे प्रकार बिरादरी से जुड़े हुए हैं या उनके साथीगण इस माध्यम में हैं. इन ब्लोग्स पर अक्सर पत्रकारिता की छाया का होना इसी कारण से है. मैथिलि गुप्त जी के अधिकांश तर्कों से मैं काफी हद तक सहमत हूँ. हाँ मैं ये बात मानता हूँ के अब ब्लोग्स और उनके लेखों का असर हमें देखने को मिलता है और जो शुरुआती तौर पर भावनाओ को व्यक्त करने मात्र के लिए शुरू किये गए थे अब वे परिपक्व होते जा रहे है और भावनाओ के परे भी सोचने और लिखने लगे हैं. <BR/>मगर मैं इस परिपक्व होते ब्लॉग समाज से ये अपेक्षा ज़रूर करता हूँ के वो और भी ज़िम्मेदारी के साथ लिखे. अंत में ब्लॉग को पत्रकारिता से अलग एक भावनाओ और बहस का मंच मानना चाहूँगा जहाँ सब अपने अपने मत रखते हैं और इस पर बहस करते है.nadeemhttps://www.blogger.com/profile/02876217379889434662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-28556995296211862872008-10-29T17:25:00.000+05:302008-10-29T17:25:00.000+05:30maithili ji se mera parichaye nahi hai per hindi b...maithili ji se mera parichaye nahi hai per hindi blog ki dunia pahali bar mujhe dhang ki aur mahatvapurn tippani mili hai jiska mai post me istemal bhi karunga .web patrkarita ki bahash me yeh meel ka pathtar sabit hogi.yeh sahi hum patrkar ki post per patrkarita ki chaya padi rahati hai.yeh bhi sahi hai ki web site blog ki duniya me foran pathak pane ke liye aate hai.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-23310238920438786542008-10-29T16:47:00.000+05:302008-10-29T16:47:00.000+05:30ब्लागिंग तो कैसी भी पत्रकारिता है ही नहीं. हिन्दी ...ब्लागिंग तो कैसी भी पत्रकारिता है ही नहीं. <BR/>हिन्दी ब्लागिंग में पत्रकार अवश्य हैं लेकिन उनके लेखन का चरित्र ब्लागर के तौर पर न होकर के पत्रकार के तौर पर ही है. फिलहाल हिन्दी ब्लागिंग में जो पत्रकार हैं वो इसलिये हैं कि उनके पास वेबसाईट बनाने और चलाने सम्बन्धित तकनीकी योग्यता नहीं है. उनके लिये ब्लागर पर खाता खोलकर लिखना बहुत आसान है, इ़सीलिये पत्रकारों को ब्लागस्पाट पर होने की वजह से ब्लागर माना जा रहा है.<BR/><BR/>इसके अतिरिक्त हिन्दी में ब्लाग पर आधारित लिखने पर एग्रीगेटर के कारण तुरन्त पाठक मिल जाते हैं जो किसी स्वतंत्र वेबसाईट को नहीं मिलते. कुछेक एक वेबसाईट ने तो अपने लेखों के लिंक देने के लिये ही ब्लाग बना लिये हैं.<BR/><BR/>जब भी ये पत्रकार किसी वेबसाईट चलाने जितनी तकनीकी व वित्तीय क्षमता प्राप्त कर लेंगे तब वह ब्लागर से माइग्रेट होकर अपने खुद के डोमेन पर जा विराजेंगे. कुछ तो जा भी चुके हैं, कुछ जाने वाले हैं, इसलिये अपवादों को छोड़कर जो पत्रकार ब्लागर के तौर पर हैं वे यहां टैम्प्रेरी हैं.<BR/><BR/>ब्लागर ब्लागर होते हैं और पत्रकार पत्रकार. दोनों अलग अलग हैं. आजकल सारी दुनियां में ब्लागर अधिक विश्वसनीय माने जारहे हैं. ब्लाग की विश्वसनीय होने के कारण ही गूगल को किसी सर्च को केवल ब्लाग तक लिमिटेड करने का आप्शन देना पड़ा है. <BR/><BR/>ब्लाग तो भावना की ही वस्तु है. आप यह सोच रहे हैं कि यह धीरे धीरे व्यावहारिक होता जा रहा है तो गलत है. यहां तो भावनाओं के तोते ही उड़ेगे. व्यावहारिक होने वाले पंछी फसली हैं, असली नहीं. यहां चिपलूनकर, ममता, घोस्टबस्टर या सिर्फ एक टूथपेस्ट की ट्यूब खाली होने की बात जितने पाठक पाती है या बहसियाई जाती है वह एजेंडे को लेकर लिखी गई व्यावहारिक पोस्ट नहीं.<BR/><BR/>कहने को बहुत है. <BR/>फिलहाल यहीं तक, शेष कभी मौका मिला तो लिखूंगा.मैथिली गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/09288072559377217280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-4272700680077383652008-10-29T16:03:00.000+05:302008-10-29T16:03:00.000+05:30सही कह रहे हैं आप। आगे का भी इंतजार रहेगा।सही कह रहे हैं आप। आगे का भी इंतजार रहेगा।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-56102823598484545642008-10-29T13:47:00.000+05:302008-10-29T13:47:00.000+05:30आगे के लेख का इंतजार है!आगे के लेख का इंतजार है!अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6898673550088047104.post-31958872150066188792008-10-29T11:28:00.000+05:302008-10-29T11:28:00.000+05:30gossip adda blog nahi web site hai.aur web site au...gossip adda blog nahi web site hai.aur web site aur unke patrkaro ko pib se lekar kai sarkare manyata de chuki hai.blog aur web site me abhi fark hai.web site swanta sukhai ki bajai der saber munafe ke liye suru ki jata hai jaise akhbar.sushil kumar singh 20 salo se mukhyadhara ki patrarita me hai.jansatta me salo bureau chief rahe to ndtv aur sahara tv me aur bade pad per.her pradesh aise patrkaro ko alag se manyata deta hai.Anonymousnoreply@blogger.com